

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में हुई सांप्रदायिक हिंसा पर गवर्नर सी ए आनंद बोस ने अपनी रिपोर्ट गृह मंत्री अमित शाह को सौंप दी है. रिपोर्ट में राज्यपाल ने घटना के लिए राज्य की पुलिस व्यवस्था को जिम्मेवार ठहराते हुए इसकी स्वतंत्र जांच की अनुसंशा की है. रिपोर्ट में राज्यपाल ने खास कर राज्य के बांग्लादेश की सीमा से लगने वाले मुर्शिदाबाद और मालदा जिले में सांप्रदायिक और फिरकापरस्ती जैसे दोहरे खतरे को खतरनाक बताते हुए कारगर कदम उठाने की बात कही है.

नए वक़्फ कानून को लेकर मुर्शिदाबाद में व्यापक हिंसा हुई थी जिसमें 11 अप्रैल को तीन लोगों की जान चली गई थी. राज्य में राजनीतिक हिंसा का इतिहास रहने की बात दोहराते हुए और इसकी गिरफ्त में सीमावर्ती जिले के भी आने की आशंका व्यक्त करते हुए राज्यपाल ने देश के स्तर पर एक ऐसा कानून बनाने की सिफारिश की है जिसके अन्तर्गत राज्य सरकार के स्थानीय स्तर पर कानून व्यवस्था बनाए रखने में विफल रहने पर केंद्र सरकार को कानून व्यवस्था पर काबू पाने के लिए हस्तक्षेप करने का अधिकार मिल सके. राज्यपाल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि खास कर मुर्शिदाबाद और मालदा जिले में सांप्रदायिक इस्लामिक संगठन काफी सक्रिय हैं जो मुसलमानों को ‘ इस्लाम खतरे में ‘ का नारा दे कर धर्म के आधार पर एकजुट करने का प्रयास कर रहा है. राज्यपाल के रिपोर्ट के अनुसार इन दो जिलों की डेमोग्राफी भी तेजी से बदल रही है और हिन्दू अल्पसंख्यक की श्रेणी में आ गए हैं. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि हाल के दिनों में खास कर बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता के बाद वहां से पश्चिम बंगाल में बड़ी तादाद में माइग्रेशन हो रहा है.
उधर राज्यपाल की रिपोर्ट पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राज्य के सत्ताधारी दल टी एम् सी के प्रवक्ता जयप्रकाश मजूमदार ने कहा है कि राज्यपाल भारतीय जनता पार्टी के कैडर की तरह बात कर रहे हैं. उनके द्वारा पार्टी को बैकडोर से पश्चिम बंगाल में घुसाने की कोशिश की जा रही है जो कभी भी कामयाब नहीं हो सकेगी.
इस बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सोमवार को सांप्रदायिक हिंसा ग्रस्त मुर्शिदाबाद जाने की उम्मीद है. जिले में हिंसा के बाद यह पहली बार ममता बनर्जी का मुर्शिदाबाद का दौरा होगा.