
रेलवे सुरक्षा बल अपनी समर्पित पहल ऑपरेशन एएएचटी (Action Against Human Trafficking)मानव तस्करी के खिलाफ अपने अभियान को जारी रखे हुए है।2022 में शुरू किए गए ऑपरेशन एएएचटी के तहत रेलवे सुरक्षा बल द्वारा पीड़ितों – मुख्य रूप से महिलाओं और बच्चों का पता लगाने, उन्हें बचाने और उनका पुनर्वास करने के लिए किया जाता है, जिनकी रेलवे का उपयोग करके तस्करी की जाती है।इसमें तस्करों पर नकेल कसने और लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों और गैर सरकारी संगठनों के साथ समन्वित प्रयास शामिल हैं।
इसी ऑपरेशन एएएचटी के तहत रेलवे सुरक्षा बल/आसनसोल मंडल ने एक गुप्त सूचना पर तेजी से कार्रवाई करते हुए 14 से 17 वर्ष की आयु के ग्यारह नाबालिग लड़कों को रेस्क्यू किया जिससे मानव तस्करी के घिनौने खेल पर लगाम लग सके।14.05.2025 को लगभग 15:00 बजे, सुरक्षा नियंत्रण/आसनसोल से सूचना प्राप्त होने पर, रेलवे सुरक्षा बल/वेस्ट पोस्ट/आसनसोल और जीआरपी/आसनसोल के अधिकारियों की एक टीम ने ट्रेन संख्या 12376 तांबरम साप्ताहिक सुपरफास्ट एक्सप्रेस (जसीडीह से तांबरम) के सामान्य डिब्बों (कोच संख्या 246954 सी और 192317 सी) के अंदर छापा मारा, जो 15:02 बजे आसनसोल जंक्शन के प्लेटफॉर्म नंबर 2 पर पहुंची।
छापे के दौरान टीम ने संदिग्ध तरीके से बैठे ग्यारह लड़कों की पहचान की जिनसे पूछताछ करने पर बच्चों ने अपने नाम और पते बताए।ये सभी झारखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल के अलग अलग जिले के रहने वाले थे।उन्होंने आगे बताया कि पांच लोगों ने चेन्नई में आकर्षक रोजगार के अवसरों का वादा करके उन्हें बहलाया-फुसलाया था और बच्चों की कमजोर सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि का फायदा उठाया था।
पांचों आरोपी भी ट्रेन में मौजूद थे जिनकी बच्चों ने पहचान की।पूछताछ करने पर उन्होंने कबूल किया कि बच्चों के अभिभावकों को उनकी आर्थिक तंगी का फायदा उठाकर उन्हें मजदूरी पर भेजने के लिए राजी किया था।आरोपियों की पहचान इस प्रकार की गई:
- दीपक कुमार दास (18) – गिरिडीह, झारखंड
- बिस्वनाथ दोलुई (25) – बीरभूम, पश्चिम बंगाल
- उमेश पहाड़िया (24) – देवघर, झारखंड
- राजेश मांझी (29) – जमुई, बिहार
- राधे मांझी (24) – जमुई, बिहार
सभी पांचों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015, और बाल श्रम (निषेध और विनियमन) अधिनियम, 1986 की प्रासंगिक धाराओं के तहत जीआरपीएस/आसनसोल में मामला (सं. 35/25 दिनांक 14.05.2025) दर्ज किया गया है।रेस्क्यू किए गए नाबालिगों को आगे की काउंसलिंग और पुनर्वास के लिए रेलवे चाइल्ड हेल्प डेस्क/आसनसोल को सुरक्षित रूप से सौंप दिया गया है।
यह अभियान बाल तस्करी से निपटने और सतर्क प्रवर्तन के माध्यम से सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए रेलवे सुरक्षा बल द्वारा शुरू किया गया है।