
पूर्व रेलवे के आसनसोल मंडल ने पैसेंजर ट्रेनों की परिचालन दक्षता और सेफ्टी बढ़ाने के लिए एक बड़ा कदम उठाते हुए यात्री रनिंग लूप लाइनों का बड़े पैमाने पर उन्नयन करने का फैसला किया है। पूरे मंडल में कुल 40 स्टेशन लूप लाइनों से सुसज्जित हैं, जो मुख्य लाइन के परिचालन को बाधित किए बिना ट्रेनों की सुचारू आवाजाही, ओवरटेकिंग और ठहराव की सुविधा के लिए महत्त्वपूर्ण हैं.

बता दें कि पैसेंजर लूप लाइनें मुख्य लाइनों के समानांतर बिछाई गई अतिरिक्त पटरियाँ होती हैं, जो आमतौर पर प्लेटफ़ॉर्म से जुड़ी होती हैं ताकि ट्रेनों को रोका जा सके, क्रॉस किया जा सके या ओवरटेक किया जा सके.ये लाइनें खासकर व्यस्त जंक्शनों और टर्मिनल स्टेशनों पर पैसेंजर ट्रेन यातायात को प्रभावी ढंग से मैनेज करने के लिए महत्त्वपूर्ण हैं. इन लूप लाइनों की सेफ्टी और कार्यक्षमता सुनिश्चित करने के लिए इंजीनियरिंग और परिचालन कर्मचारियों द्वारा नियमित और गहन निरीक्षण किया जाता है।
इस महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के उन्नयन के लिए वित्तीय वर्ष 2025-26 में आसनसोल डिवीजन द्वारा कुल 260 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं. रखरखाव प्रबंधन में वार्षिक 224 किमी लूप लाइन की सर्विसिंग शामिल है, जिसमें 56 किमी लूप लाइन का वर्ष में चार बार निरीक्षण किया जाता है.यह ट्रैक के सीधी-रेखा में न होने (मिसअलाइन्मेंट), ढीली फिटिंग या गिट्टी की कमियों जैसे दोषों का समय पर पता लगाने और सुधार सुनिश्चित करता है।
ये प्रबंधित निरीक्षण उन्नयन और सेफ्टी प्रोटोकॉल यात्री सुरक्षा सुनिश्चित करने, समय की पाबंदी बढ़ाने और बुनियादी ढांचे की विश्वसनीयता में सुधार करने के लिए आवश्यक होता है.ये पहल न केवल कुशल ट्रेन परिचालन पर फोकस को उजागर करती हैं बल्कि यात्रियों के लिए सुरक्षित और सुचारू रेल यात्रा प्रदान करने की आवश्यकता को भी रेखांकित करती हैं.