
PM chairs meeting of Cabinet Committee on Security (CCS), in New Delhi on April 23, 2025.
देश में वोकेशनल शिक्षा व्यवस्था में गुणात्मक सुधार लाने के लिए भारत सरकार गंभीर है।इसके लिए बड़ा कदम उठाते हुए सरकार ने ₹60,000 करोड़ की राशि खर्च करने का निर्णय लिया है। बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया। यह राशि नेशनल स्कीम फॉर इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट और देश भर में पांच नेशनल सेंटर्स ऑफ एक्सलेंस फॉर स्किलिंग को और भी दक्ष बनाने में खर्च किए जाएंगे।योजना में देश के एक हजार ITIs को अपग्रेड कर उद्योग की जरूरतों के अनुरूप तैयार किया जाएगा।
इस संबंध में 2024-25 और 2025-26 के केंद्रीय बजट में की गई घोषणा के अनुरूप योजना को केंद्र प्रायोजित स्कीम के रूप में लागू किया जाएगा।योजना के लिए आवंटित ₹60,000 करोड़ की राशि में ₹30,000 करोड़ केंद्र देगा और ₹20,000 करोड़ राज्य सरकारों को देना है जबकि 10,000 करोड़ की राशि उद्योगों के जिम्मे होगी।केंद्र की राशि का 50% ऐशियन डेवलपमेंट बैंक और विश्व बैंक द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी।
राज्य सरकार और उद्योगों के सहयोग से योजना का उद्देश्य इन सरकारी ITIs को उद्योग संचालित उच्च स्तर के स्किल सेंटर्स के रूप में विकसित करना है।उम्मीद की जा रही है कि अगले पांच वर्षों में तकरीबन 20 लाख युवाओं को योजना के तहत स्किल कर उद्योगों की जरूरतों के अनुरूप मानव पूंजी के रूप में तैयार किया जा सकेगा।
योजना के तहत भुवनेश्वर, चेन्नई, हैदराबाद, कानपुर और लुधियाना स्थित पांच नेशनल स्किल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट के आधारभूत संरचना में सुधार ला कर इन्हें ट्रेनिंग ऑफ ट्रेनर्स की सुविधा से लैश किया जाएगा।योजना को विकसित भारत के लक्ष्य को धरातल पर उतारने के उद्येश्य से स्वीकृत किया गया है।