
कर्नाटक हाई कॉर्ट के सामने कैट किडनैपिंग का एक दिलचस्प मामला पहुंचा।मामले की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति एम नागप्रसन्ना ने एक बिल्ली के लिए पड़ोसियों के बीच झगड़े को एक बड़े मुकदमे की तरह निबंधित करने उसकी तहकीकात करने,cc tv फुटेज खंगालने और चार्जशीट दायर करने की पूरी प्रक्रिया को हास्यास्पद बताया और पुलिस को ऐसे मामले दर्ज कर न्यायालय का समय बर्बाद करने के लिए कड़ी फटकार लगाई।
हाई कोर्ट ने Daisy नाम की बिल्ली के पड़ोसी द्वारा अपहरण के केस को ख़ारिज करते हुए ऐसे मामले दर्ज कर न्याय व्यवस्था का मजाक उड़ाने के लिए पुलिस को कड़ी फटकार लगाई।कोर्ट ने कहा कि एक बिल्ली ने सभी को पागल बना दिया यहां तक कि क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम को भी नहीं बख्सा गया।
दरअसल वर्ष 2022 में बैंगलोर की निकिता अनजाना अय्यर अपने पड़ोसी ताहा हुसैन पर उनकी पालतू बिल्ली के अपहरण का मामला पुलिस में दर्ज कराया था। पुलिस ने मामला दर्ज कर तहकीकात शुरू की। कोर्ट के अनुसार उसके बाद जो हुआ वो बेहद ही हास्यास्पद है।
दिलचस्प बात है कि पुलिस ने मामले में पहले पशुओं के विरुद्ध क्रूरता संबंधी आईपीसी की धारा 428 और 429 के तहत जांच शुरू की।बाद में इन धाराओं को ड्रॉप कर धारा 504 (Intentional Insult)506(Criminal Intimidation) 509(Insulting a woman’s modesty) के साथ चार्जशीट दायर की गई।लेकिन इनमें से कोई भी धारा संबंधित मामले के लिए न्यायिक रूप से सटीक नहीं बैठती है।
मंगलवार को अपने अंतिम फैसले में हाई कोर्ट ने हुसैन के खिलाफ मामले को ख़ारिज कर दिया और उन्हें कानूनी पचड़े में डाल कर परेशान करने के खिलाफ कार्रवाई की छूट दे दी।