
बुधवार को एक सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में चुनाव आयोग ने विवाद की स्थिति में EVM का डाटा डिलीट नहीं करने के संबंध में कोट को आश्वस्त किया।किसी उम्मीदवार द्वारा EVM की जांच की मांग पर अब चुनाव आयोग EVM के डाटा से छेड़छाड़ नहीं करेगा।सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की खंडपीठ ने एक सामाजिक संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की याचिका पर सुनवाई के दौरान संस्था द्वारा चुनाव आयोग पर आरोप लगाया गया था कि चुनाव आयोग की जांच प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट के अप्रैल 2024 के आदेश के अनुरूप नहीं है। इसी वर्ष 11 फरवरी को मामले में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को EVM की जांच के समय पोलिंग डाटा को डिलीट नहीं करने का आदेश दिया था।
बुधवार को इसकी दोबारा सुनवाई करते हुए बेंच को बताया गया कि कोट के 11 फरवरी के आदेश का अनुपालन करते हुए चुनाव आयोग ने एक हलफनामा दायर कर कोर्ट को आश्वस्त किया है कि उनके द्वारा उम्मीदवारों द्वारा जांच के आग्रह पर EVM के डाटा को डिलीट नहीं किया जाएगा।
चुनाव आयोग के निर्णय को स्वीकार करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने भारत इलेक्ट्रॉनिक लिमिटेड और इलेक्ट्रॉनिक कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के इंजीनियरों द्वारा जांच कराने और उनके द्वारा EVM के सॉफ्टवेयर से किसी तरह के छेड़छाड़ नहीं किए जाने की लिखित जानकारी सुनिश्चित करने के आदेश दिए गए।
मॉक पॉल के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के आदेश में कहा गया है कि जो भी उम्मीदवार EVM द्वारा मॉक पॉल करना चाहते हैं उन्हें चुनाव आयोग से लिखित अनुमति लेनी होगी।