जीवन में समस्याएँ जीवन का सामान्य लेकिन अनिवार्य अंग हैं। विपत्तियों से बढ़कर कोई शिक्षा नहीं है। विपत्तियाँ, समस्याएँ, चुनौतियाँ, कठिनाइयाँ सभी जीवन का अंग हैं। वे हमें मज़बूत बनाती हैं और हमें उन पर विजय प्राप्त करने के बाद आनंद और संतुष्टि का वह आनंद देती हैं, जिससे हम वंचित रह जाते, यदि जीवन में विपत्तियाँ न होतीं। इसीलिए, कहा जाता है कि ‘जीवन का सबसे बड़ा अभिशाप असीमित अवकाश है, बिना किसी कठिनाई के, बिना किसी मेहनत के सब कुछ पा लेना! हम अपनी सफलता का आनंद तभी ले पाएँगे, जब हमने उसके लिए कड़ी मेहनत की हो। कड़ी मेहनत ही आंतरिक सुख और संतुष्टि देती है।
जीवन में हमारी सीखने की प्रक्रिया पहले दिन से ही शुरू हो जाती है, बेशक शुरुआत में हमारी माँ की मदद से और फिर माता-पिता दोनों की मदद से। माँ ने हमें जन्म देने में उन सभी कठिनाइयों और पीड़ाओं को सहा है। एक बच्चे के रूप में हमने असंख्य कठिनाइयों का सामना किया है, लेकिन हमने उनमें से प्रत्येक को पार करके वह बनने का प्रयास किया है जो हम हैं। हम जीवन में जो कुछ भी इतनी आसानी से कर सकते हैं, वह शुरू में करना काफी कठिन था। लेकिन थोड़े प्रयास, अभ्यास और मदद से जीवन में सब कुछ हासिल किया जा सकता है।

-रजत मुखर्जी
प्रसिद्ध पर्यावरणविद्