
पश्चिम अफ्रीकी देश नाईजर में झारखंड के पांच कामगारों का बंदूक की नोक पर अपहरण कर लिया गया. सभी अपहृत कामगार झारखंड के गिरिडीह जिले के डोंडलो गांव के रहने वाले हैं. पॉवर ट्रांसमिशन और डिस्ट्रिब्यूशन तथा शहरी आधारभूत प्रोजेक्ट में काम करने वाली कंपनी कल्पतरु प्रोजेक्ट इंटरनैशनल लिमिटेड नाम की कंपनी के साथ काम करने नाईजर गए थे. अपहर्ताओं की नजर से किसी तरह भागने में कामयाब एक कामगार मौजीलाल महतो के अनुसार यह सब एक फिल्मी शूटिंग की तरह घटित हो गया. इनके संबंधी संजय महतो सहित चार अन्य कामगार चंद्रिका महतो, राजू महतो, फलजीत महतो और उत्तम महतो को बंदूक की नोक पर अपहर्ताओं ने उठा लिया. ये सभी नाईजर के टिल्लाबेरी क्षेत्र में काम कर रहे थे. घटना 25 अप्रैल की है. अभी तक किसी ग्रुप ने घटना की जिम्मेवारी नहीं ली है. लेकिन सूत्रों के मुताबिक पश्चिमी अफ्रीकन देश नाईजर, माली और बुर्किना फाली जैसे देश मुस्लिम चरमपंथी संगठन अलकायदा और इस्लामिक स्टेट के जिहादियों के आतंक से परेशान है. बताया जा रहा है कि अपहरण की घटना के एक दिन पहले इन जिहादियों द्वारा नाईजर के 12 सैनिकों की हत्या कर दी गई थी.
नाईजर स्थित भारतीय दूतावास के अनुसार नाईजर में फिलहाल 125 भारतीय कामगार अलग अलग प्रोजेक्ट में काम कर रहे हैं.
उधर गांव में सभी अपहृत कामगार के घर मातम पसरा हुआ है. इनके परिजनों द्वारा झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मदद की गुहार लगाई गई है. मुख्यमंत्री द्वारा भारत के विदेश मंत्री एस शिवशंकर से सभी अपहृत की सकुशल घर वापसी के लिए उचित स्तर से प्रयास करने का आग्रह किया गया है.
मामले को लेकर ठेका कंपनी प्रबंधन भी हतप्रभ है. कंपनी के एक वरीय पदाधिकारी के अनुसार नाईजर में पिछले तीन वर्षों से कंपनी काम कर रही है लेकिन इस तरह की घटना पहली बार सामने आई है.
झारखंड सरकार के लेबर एम्प्लॉयमेंट, ट्रेनिंग और स्किल डेवलपमेंट मंत्रालय अन्तर्गत प्रवासी मजदूरों की गतिविधियों को मॉनिटर करने वाली संस्था स्टेट माइग्रेंट कंट्रोल रूम ( SMCR) के अनुसार कंपनी से संपर्क बना कर स्थिति पर नजर रखी जा रही है. साथ ही तत्काल प्रभाव से प्रोजेक्ट का काम बंद करा दिया गया है.
घटना के बाद बांकी बचे कामगार भी भयभीत हैं और वहां से सुरक्षित घर लौटने की कोशिश कर रहे हैं.